हम सभी एक ऐसे पौधे के बारे में जानेंगे जिसका हर एक अंग दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है|
* जहां बाहर निकले हुए पेट को कम तो करता ही है
* साथ ही गठिया 21 दिन में समाप्त कर सकता है
* इसका दूध उड़े हुए बालों को उगाना सुरु कर सकता है
वैसे तो यह पौधा हर जगह देखने को मिल जाता है लेकिन इसके उपयोग की जानकारी कम लोगों को है तो यहां हम आपको इसके प्रयोग की जानकारी बता रहे हैं अर्क के पौधे सौसर और ऊंची भूमि में प्रायः सभी जगह देखने को मिल जाते हैं इस वनस्पति के विषय में आक का पौधा विषैला होता है तथा यह मनुष्य के लिए घातक है इसमें किंचित सत्य जरूर है कि आयुर्वेद संघ नेताओं में भी इसकी गणना उप विषयों में की गई है |
* यदि इसका सेवन अधिक मात्रा में कर लिया जाए तो उल्टी दस्त होकर मनुष्य यमराज के घर तक जा सकता है|
* इसके विपरीत यदि उचित मात्रा में योग्य तरीके से चतुर्वेदी की निगरानी में किया जाए तो अनेक रोगों में इससे बड़ा फायदा होता है |
इसका हर अंग दवा है हर भाग उपयोगी है एवं या सूर्य के समान तेजस्वी और उत्तम तथा दिव्य औषधि कहते हैं पीले रंग के फूल सफेद होता है खून के समान होती है आंखों में दूध निकलता है या दूध का काम कर देता है आंखों में पानी भर जाता है इसके लाभों के बारे में उल्टा उल्टा का उल्टा करके और पूरा दिन रात में सोते समय निकाल दे 1 सप्ताह में आपका शुगर लेवल सामान्य हो जाएगा साथ ही बाहर निकला हुआ पेट भी कम हो जाएगा आपका है उपयोगी है सूर्य के समान तेजस्वी और उत्तम तप धर्म में अंडकोष की सूजन दूर हो जाती है तथा तेल में गर्मी के घाव पर लगाने से घाव हो जाता है इसके शांत होती है |
आक के पौधे के ये फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे आप
1. इसका प्रयोग आयुर्वेद में चूर्ण के रूप में किया जाता है। जिन व्यक्तियों को दमा का बीमारी है उनके लिए आक का चूर्ण बहुत ही फायदेमंद होता है।
2. शरीर के किसी भी हिस्से में यदि कोई कांटा चुभ जाए तो आक के दूध को उस स्थान पर तुरन्त लगा कर कुछ देर के लिए छोड़ दें। कुछ ही मिनटों में कांटा बाहर आ जायेगा।
3. बड़े बड़े जानकार इसके फूल को ट्यूमर के इलाज में प्रयोग करते हैं। यदि आपको भी ट्यूमर है तो इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन इस्तेमाल करने से पहले एक बार आक के जानकार से जरूर सलाह लें कि कैसे इसका यूज़ करना है।
4. इसके पेड़ के छाल का उपयोग हाथी पाँव, कुष्ट रोग और एग्जिमा में भी करते हैं।
आक के पौधे से करें इन 6 बड़ी-बड़ी बीमारियों का जड़ से इलाज
औषधिय गुणों से भरपूर आक के पौधे का इस्तेमाल पूजा के लिए किया जाता है। पूजा के लिए इस्तेमाल होने वाला यह पौधा सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके फूल-पत्तियों का इस्तेमाल अस्थमा, डायबिटीज, कुष्ठ रोग और बवासीर जैसी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। मदार, अर्क या अकोवा के नाम से पहचाने जाने वाले इस पौधे से और भी स्किन में एलर्जी या खुजली जैसी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। विषैला होने के बावजूद भी इस पौधे में कई औषधिय गुण पाएं जाते हैं। तो आइए जानते है किस तरह इस पौधे के फूल, पत्ते का इस्तेमाल से बड़ी-बड़ी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है।
अस्थमा
इसके फूलों को सूखा कर रोजाना इसका चूर्ण खाने से अस्थमा, फेफडों के रोग और शरीर की कमजोरी दूर हो जाती है।
खुजली
स्किन में एलर्जी या रूखेपन के कारण खुजली की समस्या हो जाती है। इससे छुटकारा पाने के लिए इसकी जड़ को जला लें। इसकी राख को कड़वे तेल में मिलाकर खुजली वाली जगहें पर लगाएं। खुजली की परेशानी दूर हो जाएगी।
डायबिटीज
रोजाना सुबह इस पौधे की पत्तियों को पैर के नीचे रख कर जुराबें डाल लें। रात को सोने से पहले इस पत्ते को निकाल दें। इसका इस्तेमाल शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है
कुष्ठ रोग
इसकी पत्तियों को पीस कर सरसों के तेल में मिक्स करें। इसे कुष्ठ रोग के घाव पर लगाएं। इसे नियमित रूप से लगाने पर घाव जल्दी भर जाएंगे।
बवासीर
आक का पत्ता और डण्ठल को पानी में भिगो दें। इसे पीने से बवासीर की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाएगी।
चोट लगना
शरीर के किसी भी हिस्से में चोट लगने पर आक के पत्तों को गर्म करके ब

Comments
Post a Comment